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अल्फ़ाज़ दिल के

#रात हज़ारों तारें साथ होकर भी रात बेक़रार है कौन ये जाने उसको किसका इन्तज़ार है #टेढ़ा क्यों बुरा मानना रास्ता टेढ़ा है तो चलना सीख लेना...

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