#रात
हज़ारों तारें साथ होकर भी रात बेक़रार है
कौन ये जाने उसको किसका इन्तज़ार है
#टेढ़ा
क्यों बुरा मानना रास्ता टेढ़ा है तो
चलना सीख लेना रास्ता कैसा भी हो
#लालच
कौन साथ देता है इमारतों के जंगल में
सब खो गए है किसी न किसी लालच में
#पस-ए-पर्दा पर्दे के पीछे
हमेशा अकल को पस-ए-पर्दा क्यों धकेलते हो
बाहर लाओगे उसे तो इस्तेमाल भी कर सकते हो
#शोर
दिल का चोर तू तुम्हें कैसे छुपाया जाए
दिल में शोर मचाते हो क्या किया जाए
#वक्त
करना चाहो तो दिल में ताक़त है
कर दो इस पल में अभी वक्त है
#चुभन
आज यूँ अचानक आँखों में चुभन है कैसी
दर्द सरासर जा बैठी आँखों में धूल जैसी
#तेरा
भेद खोलने का हिम्मत मैं कैसे करूँ
तेरा ज़िक्र करूँ तो भी किस से करूँ
#ईदकादिन
ईद का दिन है रब को याद करो
उसकी दुआओं का स्वाद करो
#क़ुसूर
सच बताऊँ न जानती थी मेरा क़ुसूर क्या था
बाद में पता चला कि सच बताना ही क़ुसूर था
#बतलाओ
कैसे वक्त चला जाता है कोई बतलाओ तो सही
यूँ सालों साल गुजर जाते है समझने से पहले ही
#यहीसोचकर
दिल को दर्द न दो हमेशा परेशान होकर
खुद को मत दो सजा बस यही सोचकर
#वक्त
जो करना है अभी करो बाद में कुछ नहीं होता
वक्त का क्या भरोसा कौन जाने कब क्या होगा
#छुपछुपकर
छुप छुप कर दिल चाहता है कुछ अब भी
शायद मोहब्बत हो गई है दिलचस्पी से भी
#दास्तान
वरक़ वरक़ ज़िंदगी जोड़ते जाओ सभी
बनेगी प्यारी दास्तान कुल मिलकर कभी
#शाम
शाम सजी है रंगों में प्यार का नूर भर दो माहौल में
मिल जाए खुशी पलों में और क्या चाहिए जिंदगी में
ये चहकती दुनिया में है रंग हज़ार
चुन लो वो रंग जो तुझे भाये मेरे यार
#मुताबिक़
तेरे मुताबिक़ है सदा धड़कन मेरे धड़कते
वहीं तरन्नुम जो तेरे धड़कन भी हमेशा गाते
#किसीसे
किसी से कुछ न कहा मैंने, किसको क्या बतलाना!
सुनकर भी कौन क्या करता, करना तो खुद ही को है
#मर्जी
जो ज़माना चाहता है वही करो ना
खुद की मर्ज़ी ज़रा समझा करो ना
#एतबार
वक्त का क्या भरोसा कभी ऊपर कभी नीचे
हमेशा एतबार कर मेरा दिल कहता जोर से
#मानजाओ
अब मान भी जाओ कब तक रूठते रहोगे
ख़ुशियों के बिना सब दिन यूँ बीत जाएँगे
#दुनिया
बदलकर रख दिया मुझ को बोल रही दुनिया
लोग इतना बदल गए कि खुद हैरान है दुनिया
#जिंदगी
दिन में कम से कम बिताओ ज़रूर ख़ुशी का एक पल
नहीं तो जिंदगी भी क्या ज़िंदगी बस खेलते रहोगे दंगल
#तहखाना
मजबूरी या बेबसी बेसवा को रात एक तहख़ाना है
मर्दों की हवस पूरा करने का वह एक कारख़ाना है
#दुनिया
ये दुनिया है प्यारे! कोई खिलौना तो नहीं
मासूमियत के लिए यहाँ कोई जगह नहीं
#सुराग
छुपाने से भी न छुपता मेरा राग
ख़ुशी का गीत दे देता मेरा सुराग
#सामने
सामने आजाए तू मेरे मैं बोली परछाई से
तेरे आगे सदा रोशनी रहे वो बोली धीरे से
#रूठना
हम सब से रूठकर चली गई वो मगर दुआ दी मैंने
मत कोसना कभी माँ ने सिखाई है वही किया मैंने
#मुश्किल
मुश्किल है ये घड़ी तो परेशान क्यों
लड़ने ही तो आए हो इधर तो लड़ो
#बात
ये क्या बात हुई मैं ने सोचा न था
सब अच्छे के लिए यूँ सोचना था
#रात
सुनो ग़ौर से रात इक तराना है
जो टिमटिमाहट का गीत गाती है
#वालिद
वालिद मेरे एक अनोखा रतन
चमकते हैं हमेशा तारों के संग
फिर भी साथ है इल्हाम बनकर
उनकी यादें है दिल में हर कदम
#खूबियत
भँवरों को दावत इक फूल खिलना
बहार की ख़ूबियत से न कोई तुलना
#जिंदगी
कुछ कम नहीं है ये भी मुझे ज़िंदगी से बयान करूँ
दिया तू ने सब कुछ फिर भी मैं शिकायत क्यों करूँ
#वक्त
फिर क्या हुआ ये खुदा ही जाने
अजब वक्त को और कौन जाने
#मना नहीं किया
मना नहीं किया गया पर इजाज़त भी नहीं दिया
तबीब ने बोला मिठाई तो सहत का मामला मियाँ
#उदासरात
उदासी रात का गहना उसे पहननी है हर शब
मर्दों की हरकतें हँस कर सहनी है पूरी शबाब
#शाम
ये शाम भी न! दुल्हन की तरह खूबसूरत रहती है
लालिमा से भरी मुस्कानों से मदहोश कर देती है
#गूँज
सन्नाटों से भरी महफ़िल में आवाज़ दे के देखें
फ़ितरत के आँगन में उसकी लहरें कैसे गूँज उठते!
#आजकी
चौंक मत जाना आज की सच्चाई इस जग की सुनकर
और भूल मत जाना कहीं न कहीं हम भी उसके भागीदार
आज की सच्चाई जानने की ताक़त है किसी में?
झूठ में डूब कर आ खड़ी है दुनिया ऐसी नौबत में!
#खुदा
खुदा न करें कोई नुक़सान और पहुँचे
थक गया है जहान मुश्किलें संभलते
#ताकत
दुनिया इस दौर जहन्नुम छूकर आई
अब डर कैसा ऐसी ताक़त जो पाई
#प्यार
देखूँ तो ज़रा फिर से वो प्यार का निशान
जो दिल पर छप गई करते प्यार का बयान
#नजरिए
ग़लत और सही ऐसा तो कुछ नहीं
बस नज़रिए तय करते रहते हैं सभी
#अना
जुदाई से ज़रा पहले दिल मनाना चाहता था
लेकिन अना हमारे बीच दीवार बन गया था
#ख़्वाहिश
हम सोचते है कभी कभी तुम से फिर कब मिलना होगा!
जवाब तो मिलता नहीं पर मिलने की ख्वाहिश बढ़ जाएगी
#जिंदगीजन्नत
सब रिक्त करके क्या किया जाए ज़िंदगी का दोस्त
रिश्ते नहीं इंसानियत नहीं अकेले पड़ जाओगे सुस्त!
इतनी भी ख़ुदगर्ज़ी ज़िंदगी को न देती ख़ुशी हे दोस्त
तुम जीयो औरों को जीने दो तब ज़िंदगी बनती जन्नत!
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