सैनिक
जहाँ सरहद में एक पल भी
बिताना मुश्किल है,
वहाँ मरहम लगाते
पूरे देश की रक्षा करने वाला सैनिक
आपको मेरा प्रणाम
जहाँ सीमा में आतंकवादी से
हर पल ख़तरा है,
भारत माता के पाँव में
आपके प्राण और जीवन
निच्छावर करने वाला सैनिक
आपको मेरा सलाम
जय हिंद
प्रदूषण
बढ रहा है प्रदूषण,
सहती जा रही है भूमि
सह लेगी जब तक है सहन शक़्ति
फिर होगा प्रलय तांडव
हम हो जाएँगे विध्वंस
प्रकृति की आदर करो
सुधरो अपने आप को
सुधारो अपना पर्यावरण को
फिर मिल सकेगा सुहाना वातावरण!
कशिश
प्यार की कशिश को हमेशा जगा कर रखना
अवश्य तन्हाई का आलम डर के भाग जाएगी
गुरुभक्ति
आज इस अवसर पर
मेरे सारे गुरु आप सबी को मेरा प्रणाम
विनम्रता पूर्वक लेती हूँ एक एक का नाम
बहुत आभारी हूँ आपके, मैं पहुँची हूँ इस स्थान
आज इस अवसर पर भेजना चाहती हूँ आपको पैग़ाम
यादों में हमेशा आप को रखते हुए करती हूँ हर काम
और जताती हूँ हृदय पूर्वक धन्यवाद सुबह शाम
प्रतिष्ठा
धूप छांव की ज़िंदगी में कुछ शिकवे और कुछ नग़मे
प्रयास के उस दौर पर कई अनकही आवाज़ें और कई मधुरस्वर
उन्ही रागों का रियाज़ करना जो आगे बढ़ते बढ़ते
एक दिन आप के इच्छित प्रतिष्ठा मिल सके
उपयोग
उपयोग की परिभाषा जानोगे तो, व्यर्थ नाम की कोई चीज मिलेगी ही नहीं इस दुनिया में
जीवन
इस जीवन है ख़ुशी और ग़म का संगम
ईश्वर से माँगेंगे दुआएँ हम
ज़िंदगी में ना रहे कोई कम,
पालन करते निष्ठा और धर्म
करेंगे हर अपना करम
करम
करम सब की अपनी अपनी
जैसे करनी वैसे भरनी
समय के ऊँच नीच को है सहनी
रिश्तों को अच्छे से निभाना है
घर घर की होगी कुछ कहानी
भाषाज्ञान
भाषाज्ञान है एक महासागर
सीखो अनेक भाषाओं का ज्ञान
पर भूल ना जाना मातृभाषा का परिज्ञान
क्योंकि वही है अपना मूल ज्ञान और हमारा पहचान
नूर-कोहिनूर
प्रसिद्ध व्यक्तित्व के पास रहता है हुनर का नूर
हर किसी की बस की बात नहीं बनना कोहिनूर
जिंदगी
ख़ूबसूरत मंज़रों में चाँद बहुत दूर नहीं
चाँद के बिना चाँदनी की शोर नहीं
जुगनुओं के दरक्शन में शमा का कोई ज़ोर नहीं
झिलमिलाती तारों के बिना कोई रात नहीं
रात के बिना कोई लोरी नहीं
लोरी के बिना कोई सपना नहीं
सपनों के बिना कोई ज़िंदगी नहीं
विधी
परिस्थितियों और तम्मनाओं के जंग में विधी हमेशा परिस्थिती की ही साथ देती है!
कॉफी
तरह तरह के मधुर चुस्कियों का दरक्शन है यह कॉफ़ी
हर ऋतु की प्रहर्ष दास्तानों से भरपूर है यह कॉफी
लोभलाभ
लोभ से नहीं है कोई लाभ
वही है कारण काले धन का निर्माण
समझना ज़रूर दग़ा करना है महा पाप
इकट्टा करेगा सात जन्मों का श्राप
भुगतना पड़ेगा इसी जनम में पूरा अभिशाप
इसीलिए कला धन को मना करो और
मेहनत के मीठे फल का उठाओ पूरा लाभ
धनसमृद्दी
शुरूवात करते है
नए साल
दिवाली के दिन
अनंत विश्वास से
आगे बढ़ाते है हम हर क़दम
हमेशा चाहिए हमें दुआएँ सम्पन्न
होवे हमारी ख़ूब धन समृद्धी
मेहनत का धन है
हमारा परम धन
घरौंदा
मेरा घरौंदा, ख़ुशियों का सौग़ात
भाई बहनों के साथ त्योहारों का मज़ा
ना थी कोई चिंता ना था कोई ग़म
बस खेलने में था पूरा ध्यान
बचपन की यादों का हुआ सौजन्य
इस दिवाली की दियें से पताकों के शोर से
डेर सारे शुभकामनाओं से
सफलता
सफलता का सूत्र -
मेहनत की कमाई
दिल की सच्चाई
दुआओं की भलाई
अंतरंग की अच्छाई
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