#आत्मविश्वास
जब तक इच्छा शक्ति और आत्मविश्वास अपने साथ है
तब तक विवश होने की नौबत नहीं आएगी
#आशाकिरण
पूजते भगवान का चरण
लेके विध्या का शरण
करके प्रत्यय का धारण
बढ़ाते चित्त का प्रेरण
खुलने दो ख़ूब सारे आशा किरण
और वे होंगे विजय का कारण
#प्रदूषण
हे मानव! यह है प्रकृति की चेतावनी
हार्याली की महक चाहिए
मौसम में नमी चाहिए
ऋतुओं का नियम सही प्रकार चाहिए
बहती नदियों का अटल हर्ष चाहिए
तो न करो प्रदूषण
स्वच्छ रखो वातावरण
#मूल्य
पंछियों की चीं-चीं से सीखो स्वातंत्र्य का मूल्य
आसमान में मेघ-धनुष से सीखो अनोखा सरूप्य का मूल्य
झिलमिलाती तारों से सीखो रैनों में हँसने का मूल्य
झूमती बहारों से सीखो प्रफुल्लता का मूल्य
खेलखूद में खेलते बच्चों से सीखो बचपन का मूल्य
ख़यालों की दुनिया में ढूबी हसीना से सीखो ख़्वाबों का मूल्य
हर पल इंद्रियों की बेक़ाबू दशा से सीखो योवन का मूल्य
उन्मादपूर्ण मन से सीखो ज़िंदगी का मूल्य
#सरफरोशी
देश के लिए मरमिटने के दिन थे
दिखानी थी सरफ़रोशी अपने स्वातंत्र्य के लिए
बहुत कठिनाइयों से स्वतंत्रता तो मिल गई
परंतु आज भी हम बिक रहे है विदेशों के मूल्यों पर
कहाँ लुप्त हो गया अपना संस्कार और परंपरागत?
पुनः जगानी है सरफ़रोशी,
लानी है फिर से वही महक
जैसे स्वातंत्र्य समारोह में था
क़दम उठाना है अपने देश की उन्नति के लिए!
#मौसम
मौसम से सीखते है
जैसे पेड़ अपने रूखे सूखे पत्तोंको हटाते हैं
और नए पत्तों को अंकुरित करते है
वैसे हम भी अपनी बुरी आदतों को दुःख,दर्द हटाते है
और सदाचार और ख़ुशी का अंकुरण करते है
#देवनागरी
देवनागरी हमरे लिए तू है वरदान
अनुराग फैलता है सारे देश में ले के तेरा नाम।
तुम्हीं से हुई कई भाषाओं का जनम
रहूँगी मैं तुम्हारे गोद में सदा करते शुभ काम।
#भावना
भावनाओं की भी कितना नटखट व्यवहार
पल दो पल में कर देते है सात समंदर पार
#रूठनामनाना
दिल बेचैन होता है, रूठने से
दिल उठ के नाचता है, मनाने से
अक्सर यह चलता है, दिल की दास्तानों में
दिल तो हमेशा ही चाहता है प्यारे नग़में
#नारी
नारी परम उदार
सौम्य में कोमल
रौद्र में ज्वालामुखी
त्याग में निर्मल
क्षमा में धरित्री
शांत में शीतल
क्रोध में दुर्गे
प्यार में मनोहारी
अवधारण में पाषाण
उपकार में सतचित्त
अविच्छेद,अधिष्टित,
अवलंबित,अमृतमयी,
अमरवाहिनी हर नारी
जितना दीप्तिमान है उतना ही प्रचंड
श्रेष्ठ स्त्री के बिना ज़िंदगी कुछ भी नहीं !
#सत्य
सत्य ही ईश्वर है
सोचो! यही श्रेष्ठ विचार है
उसी में भगवान स्थिर है
इसीलिए बोला गया है
सत्य अमर है!
#सीख
सीखनेवाले तो कचरे दब्बे से भी सीख सकते है
लोग नीच दृष्टि से देखने के बावजूद दुनिया भर का कचरा
अपने में ले करके पर्यावरण को स्वास्थ और सुंदर रखने का प्रयास करता है!
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