#इश्कगुनाह
इरादा सही है तो इसका पनाह नहीं
करो जितना चाहे इश्क गुनाह नहीं
कब तलक सहते रहें? इसका जवाब कोई न जाने
भुगतनी है सब कुछ जो किया है जाने अंजाने में
#हालात
सोच से परे निकला हालात दुनिया का
क़दम क़दम पर हो रहा अलग हादसा
#मेहरबानी
ओ खुदा! सब तुम्हारी मेहरबानी है नहीं तो बता
हालातों को संबलने की ताक़त कहाँ से आती?
#दुःख
दुःख तो इस बात की है कि किसी को कोई फ़िक्र नहीं
अपनी ही लापरवाही खुद ही को दे रही मुश्किल की घड़ी
#लालिमा
फैलाती हुई लालिमा शाम ने दहलीज़ पर रक्खे कदम
चहचहाहट करते हुए पंछी घर आ रहे है मद्दम मद्दम
#वक्त
अब हो नहीं सकता इस से बुरा
हे वक्त! सुधर तो जाओ तुम ज़रा
#खुश
“सब ख़ुश रहे” यह दुआ जो हम सब करें तो
दवा का काम करके रखती ख़ैरियत सब की
#रुहानियत
रूह से बहती माँ की मोहब्बत
दिल को देती अनोखी ताक़त
#नहींचाहते
देखते ही देखते लोग गुजर जा रहे है
इतनी जानें चले जाना हम नहीं चाहते थे
बहुत बुरा वक्त जो शवों से गुजर रहा है
ख़ुदा का रहम ही दुनिया को बचा सकता है
#सोच
सोचा तो बहुत था होनी-अनहोनी के बारे में
पर अपने खाते में जो है वही आते है पहले
#नाराजगी
बनते बिगड़ते लम्हों का कोई टिकाना नहीं
लम्हों से भरी ज़िंदगी का सीधा रास्ता नहीं
घूमकर घिसकर चलना ही तो ज़िंदगी राही!
कुछ भी हो ज़िंदगी से नाराज़गी अच्छी नहीं
#सपना
पल पल तवक़्क़ो के साये हम चलते रहें
क्या आज सच होंगे? हमने जो सपने देखें
#चाह
हे मंज़िल!
नज़रों के पास हो पर जल्दी मिलता क्यों नहीं?
तुझे चाहना मेरी भूल थी जो तुम सता रहा बहुत ही
#अंजाम
सब अपने में मशगूल हैं यहाँ, किसे पड़ी है
इसीलिए तो आज ये अंजाम पर आ खड़ी है
#गिला
बहुत कुछ सहनी है आगे बढ़ते बढ़ते
तुम से क्या गिला करें हम आते जाते
#चाह
हे रसगुल्ले
तुझे चाहना मेरी भूल थी
अब खूब खाने लगी!
न चाहूँ तो भी कैसे...
तुम इतना मज़ेदार जो हो
#ऐसाक्याहुआ
ऐसा क्या हुआ वैसा क्या हुआ सोच में न रहो सदा
होता सब कुछ अच्छे के लिए मानकर चलते जा!
#फिरवहीरात
यादों की बरसात लाई ये जज़्बात
दिल को महसूस हुआ फिर वही रात!
चाँद तारों से किया हम ने दिल की बात
हवा के लहरों में उड़कर आई फिर वही रात
याद करो तुम भी उस रात और सौग़ात
तो मुझे छू लेती है फिर वही रात
#खुश
क्या ख़ुश रहना आ गया?
तो समझो ज़िंदगी का मज़ा मिल गया!
आज पल कुछ रुका रुका सा है
शायद वह किसी के इंतज़ार में है!
#चाँद
कितना देर और कितनी दूर, चाँद से ये मत पूछ
रात आई तो आयेगा ज़रूर, यही है उसका मंच!
#ढूँढ
ढूँढते जाओ तो मिलता कुछ नहीं है
करने जाओ तो मिलता बहुत कुछ है
#प्यार
घूमा सारा जहान प्यार कहीं नहीं है!
दिलों में झाँको तो मिलता वहीं है
#सुरूर
पिछले दिनों की यादें है सुरूर
हमेशा लगती है उतना ही मधुर
#रात
सुनो तो सही खामोशी की सरगोशी
फिर समझोगे रात कितनी सुरीली
फितरत का यह अनोखा चहरा
शब में ही मिलता वह माजरा
#जिंदगी
ज़िंदगी कुछ पाने के इंतज़ार में है
उस के पहले मुश्किलें झेलती हज़ार है
#बात
मन की बात बोलना कुछ ग़लत तो नहीं
पर सही तरीक़ा चुनना हरकिस भूलना नहीं
#झाँझरिया
दिल की धड़कन को ज़रा सुन साथिया
जैसे बज रही है प्यार की झाँझरिया
#जानेअंजाने
जाने अंजाने में बहुत कुछ बदल जातें है
बदलाव को मंज़ूर करके आगे बढ़ते रहना है
यादों को छू रहा है मन
ओ बीते हुए बचपन!
जाने अंजाने में चले गए वे दिन
आज फिर तुझ से मिलने का मन है
जो न हो सकता उस तरफ़ खींचता क्यों मन है
बीते हुए कल! क्यों तुझ से मिलने का मन है?
#खाली
नदी बन गई इमारतों का जंगल
जंगल बन गया बिना पेड़ों का मैदान
दुनिया की इस तहज़ीब से
बादल ख़ाली हो गया!
#होली
गुलाल की गुलाबों को लगाकर सब को
मस्ती और मौज्जों का रंग मुबारक सब को
#बरसोंबाद
दिल में बसी है वही पुरानी याद
आज भी लगी नई बरसों बाद
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